कुछ ऐसा रंग में हमें रंग दे मेरे साई कि,
शमसान की खामोशियाँ भी फीका ना लगे,
दर्द से ऐसी वास्ता करा दो मेरे साईं कि,
दर्द की हर दास्ताँ, एक बहाना लगे
नज़रें फेर के भी वो इस इत्मिनान से जाये कि,
मेरे दिल के तराजू पर भी वो बेवफा ना लगे,
तभी मेरे दिल ये अल्फाज निकलेगी कि,
साईं, तेरे जहाँ का मौसम बड़ा सुहाना लगे
दर्द से ऐसी वास्ता करा दो मेरे साईं कि,
दर्द की हर दास्ताँ, एक बहाना लगे
नज़रें फेर के भी वो इस इत्मिनान से जाये कि,
मेरे दिल के तराजू पर भी वो बेवफा ना लगे,
तभी मेरे दिल ये अल्फाज निकलेगी कि,
साईं, तेरे जहाँ का मौसम बड़ा सुहाना लगे
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