बालहि उमरिया में भटकल नजरिया,
ओठवा जपे खाली तोहरे गुजरिया,
मुसुकी तोहर हमरा घोपेला कटरिया,
जियरा धड़के कईसे पूरी रे सोरहिया,
नियत बेईमान होखे, जिया परेशान होखे,
कईसे घुमाइब तोरा सनिचर बजरिया,
कट्ठा नीलाम होखे, बाबु परेशान होखे ,
चाहे बिकाइ हमर ललकी बकरिया,
गुंडन के बात से जब जिया घबड़ाला,
डरी के गोरिया तब बाहि में समाला,
एही से मुखिया चाचा रोज समझाला,
देखि ना सिनेमा ना त लव होई जाला.
ओठवा जपे खाली तोहरे गुजरिया,
मुसुकी तोहर हमरा घोपेला कटरिया,
जियरा धड़के कईसे पूरी रे सोरहिया,
नियत बेईमान होखे, जिया परेशान होखे,
कईसे घुमाइब तोरा सनिचर बजरिया,
कट्ठा नीलाम होखे, बाबु परेशान होखे ,
चाहे बिकाइ हमर ललकी बकरिया,
गुंडन के बात से जब जिया घबड़ाला,
डरी के गोरिया तब बाहि में समाला,
एही से मुखिया चाचा रोज समझाला,
देखि ना सिनेमा ना त लव होई जाला.
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