नहीं चाहते भी लव पे लहका है बहुबार,
वो बचपन की मस्ती, वो बचपन का प्यार,
जाति पाती से आगे, निकली थी वो किलकार,
शोशल नेटवर्किंग की बात तो दूर, ना डाकिया का पत्राचार ,
लिख इरादों को गुलाबों से, दफनाया था बहुबार,
गूगल पे वरसों से ढूँढा, याहू पर भी कई बार ,
क्या पता की तुम मिलोगी फेसबुक पे ही यार ,
इजहार मुझे तो करना है, तुम राजपूत हो या भूमिहार ,
रब चाहा तो फिर निकलेगी, वो बचपन की किलकार |
वो बचपन की मस्ती, वो बचपन का प्यार,
जाति पाती से आगे, निकली थी वो किलकार,
शोशल नेटवर्किंग की बात तो दूर, ना डाकिया का पत्राचार ,
लिख इरादों को गुलाबों से, दफनाया था बहुबार,
गूगल पे वरसों से ढूँढा, याहू पर भी कई बार ,
क्या पता की तुम मिलोगी फेसबुक पे ही यार ,
इजहार मुझे तो करना है, तुम राजपूत हो या भूमिहार ,
रब चाहा तो फिर निकलेगी, वो बचपन की किलकार |
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